आज भी इस गांव की महिलाओं की जिंदगी बदल रहा बापू का चरखा

https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/10/Untitled-design-2025-10-766045bd1fd04d6dc987f46d19d96d02-3x2.jpgछत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में फरसगांव ब्लॉक के बोरगांव की महिलाएं पिछले 66 साल से चरखा चला रही हैं. इससे वे न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं बल्कि समाज में एक नई पहचान भी बना रही हैं. यहां बापू का चरखा सिर्फ कपड़ा नहीं बुनता बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की कहानी भी बुनता है. 1959 में जब भारत आए शरणार्थियों की मदद के लिए एक समिति बनी, तब इसी गांव की महिलाओं को इस काम से जोड़ा गया. आज बोरगांव के हथकरघा से बने बैंडेज रायपुर भेजे जाते हैं और वहां से पूरे प्रदेश के अस्पतालों में सप्लाई होते हैं. कभी यहां की महिलाओं ने साड़ियां और मच्छरदानियां भी बनाई थीं, जो पूरे भारत में मशहूर हुईं. महिलाओं ने कहा कि हम लोग काफी बरसों से चरखा चला रहे हैं. इससे हमें घर चलाने में मदद मिलती है और अपने दम पर कुछ करने का गर्व भी होता है. बोरगांव की ये महिलाएं साबित कर रही हैं कि अगर लगन हो, तो चरखे के धागे से भी सपनों को बुना जा सकता है.

from छत्तीसगढ़ News in Hindi, छत्तीसगढ़ Latest News, छत्तीसगढ़ News https://ift.tt/89Byd7G
via IFTTT

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ