धर्मराज पुरी महाराज का अनूठा संकल्प, हाथ से चलते हुए पूरी करेंगे 3500 KM की नर्मदा परिक्रमा

https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/10/Untitled-design-2025-10-3b87906666a310cc0472acbc9a159bb8-3x2.jpgतपस्या और त्याग की एक अनोखी तस्वीर इस समय देखने को मिल रही है. एक ऐसे बाबा जो हाथ के बल चलते हुए नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं. पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अखाड़ा के धर्मराज पुरी महाराज ने यह कठिन संकल्प लिया है. ​यह परिक्रमा कोई छोटी-मोटी नहीं बल्कि लगभग 3500 किलोमीटर लंबी है, जिसे वह इसी अधोमुखी उल्टे चलने वाली मुद्रा में चलकर लगभग चार साल में पूरा करेंगे. धर्मराज पुरी महाराज इन दिनों छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कबीर चबूतरा क्षेत्र से गुजर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, बाबा दिन में लगभग दो से तीन किलोमीटर का सफर तय करते हैं. यह यात्रा दशहरा के दिन अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम स्थल से शुरू हुई थी. 7 दिनों में वह इस तरह लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं. यहां से होते हुए वह महाराष्ट्र के रास्ते गुजरात पहुंचेंगे, जहां समुद्र तट पार करने के बाद नर्मदा के उत्तरी तट से होते हुए वापस अमरकंटक पहुंचकर अपनी परिक्रमा पूरी करेंगे. ​यह तपस्या न केवल चुनौतीपूर्ण है बल्कि अद्भुत आस्था और समर्पण का एक प्रमाण भी है.

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