बलौदाबाजार : करंट से हाथी की मौत का मामला,,,,, दो आरोपी गिरफ्तार ,,,,, दोनों को न्यायालय कसडोल पेश करने की कार्यवाही जारी,,,,,कसडोल उप वन मण्डल के देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद विश्राम गृह के 50 मीटर दूर गिद्धपुरी मार्ग पर करंट में चिपकने से हुई हाथी की मौत ,,,,,,,,,वही परिषर रक्षी अजित ध्रुव निलंबित,,,,,

बलौदाबाजार : करंट से हाथी की मौत का मामला,,,,, दो आरोपी गिरफ्तार ,,,,, दोनों को न्यायालय कसडोल पेश करने की कार्यवाही जारी,,,,,कसडोल उप वन मण्डल के देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद विश्राम गृह के 50 मीटर दूर गिद्धपुरी मार्ग पर करंट में चिपकने से हुई  हाथी की मौत ,,,,,,,,,वही परिषर रक्षी अजित ध्रुव निलंबित,,,,,



आपको बतादे कि 24 घंटे में ही वन अफसरों ने दो आरोपी शिकारियों को विभिन्न स्थानों से धर दबोचा। आरोपियों के नाम नकुल सांवरा पिता रामेश्वर सांवरा उम्र 31 वर्ष, एवम जोहित बरिहा पिता नारायण बरिहा है ,जो कि आदतन शिकारी है और 3 माह का जेल भी काट चुका है ।
    बलौदाबजार वन मंडल के देव पुर क्षेत्र के ग्राम पकरीद में हाथी की मौत के मामले में  डीएफओ मयंक अग्रवाल की सक्रियता से हाथी की मौत के आरोप में  दो ग्रामीणो को गिरफ्तार किया गया है।आरोपीयो पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गयी है।
 विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकरीद के पास सोमवार को हुए हाथी की मौत मामले में सोमवार को ही वन विभाग की टीम ने डीएफओ मयंक अग्रवाल के निर्देश पर छापामार कार्रवाई करते हुए ग्राम पकरीद के ही नकुल सांवरा पिता रामेश्वर सांवरा उम्र 31 वर्ष को चिखली थाना सांकरा के पास उसके रिश्तेदार के यहां सुबह गिरफ्तार किया गया था।इसके बाद वह दूसरे जोहित बरिहा पिता नारायण बरिहा  फरार था।जिसे मंगलवार को वन विभाग द्वारा कसडोल के पास ही पकड़ लिया गया।आरोपी पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 50, 51, 52 के तहत कार्रवाई की गयी है । ज्ञात हो कि सोमवार की सुबह बालोदा बाजार वन मण्डल के देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद विश्राम गृह के सामने कोई 50 मीटर दूर गिद्धपुरी मार्ग पर करंट में चिपकने से हुई एक और हाथी की मौत के बाद घटना स्थल पहुचे वन अफसरों ने घटना स्थल से भारी मात्रा में बिजली तार व बास खुटी जप्त किया था।

क्या वन विभाग को आरोपियों के बारे में पहले से पता था??

ग्रामीण सूत्रों ने एक चोंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वन विभाग को भी इस बात की जानकारी थी कि देवपुर परिक्षेत्र में कौन कौन ग्रामीण शिकार कर मांस का व्यवसाय कर रहा है।इसके परिणामस्वरुप ज़ब सोमवार को सेडुएल वन प्राणी हाथों की मौत शिकारियों द्वारा सरकारी रेस्ट हाउस के समीप होने की जानकारी मिली तब उन्होंने मामला तूल न पकड़े इसलिए तत्काल दोनों शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।यदि वन विभाग इन्ही शिकारियों पर पूर्व में ही गिरफ्तार कर शिकार रोक देती तो इस तरह की घटनाएं नही हो पाती।

बड़ा सवाल?

 पकरीद और गिधपुरी में 2-2 परिसररक्षी नियुक्त,,,,,
 चारो को विशालकाय हाथी की मौत की भनक तक नही :

 सरकारी तौर पर वन्य प्राणियों एवम वन अपराध रोकने के लिए घटनास्थल पकरीद एवम समीप के ग्राम गिद्धपुरी में कुल 4 परिसर रक्षी नियुक्त है।इनमे दो परिसर रक्षी के निवास से चंद कदमो पर ही एक हाथी विद्युत करंट से मारा जाता है परन्तु इन कर्मियों को इसकी जानकारी भी नही मिल पाती यहां तक कि कुछ ही दूरी में देवपुर वन परिक्षेत्र मुख्यालय भी है।इसके बावजूद हाथी की मौत के 3 दिन बाद तक इसकी जानकारी वन अफसरों को नही लगना इस बात का स्पस्ट संकेत देता है कि इस परिक्षेत्र के अफसर कर्मी न तो मुख्यालय में रहते है और न ही कभी क्षेत्र का दौरा ही करते है।

दुर्गंध से पता चला हाथी की मौत का :

  सोमवार को मृत हाथी की दुर्गंध के बाद ग्रामीणो ने आसपास देखा तो उन्हें पकरीद रेस्ट हाउस के महज 50 मीटर के भीतर ही एक हाथी मृत अवस्था मे पड़ा दिखा था।ग्रामीणों के अनुसार हाथी की मौत विगत दो तीन दिन पूर्व हो चुकी होगी तभी हाथी के शरीर मे सड़न के कारण दुर्गंध उठ रही थी।
    
मृत हाथी घटनास्थल पर ही दफनाया गया: 

 घटना के बाद मृत हाथी का पोस्टमार्टम कर हाथी को वही 2 क्विंटल नमक डाल कर दफन किया गया, घटनास्थल पर अतिरिक्त पी सी सी एफ सुनील मिश्रा , सीसीएफ जनक राम नायक, श्रीमती प्रनीता पाल सीसीएफ वन्य प्राणी, डीएफओ मयंक अग्रवाल, एसडीओ कसडोल राकेश चौबे सहित वन विभाग के प्रभारी वन परीक्षेत्र अधिकारी देवपुर पंचराम यादव, वन परिक्षेत्र अधिकारी कोठरी पवन सिन्हा मौके पर मौजूद थे वन मंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि मृत हाथी की मौत 2 दिन पहले ही हो चुकी थी आज अधिक दुर्गंध आने के कारण ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी थी जिस पर कार्रवाई की गई बिजली करंट से ही मौत होने की पुष्टि भी की गयी है।



    सोमवार को मृत जानवर की दुर्गंध के बाद ग्रामीणो ने आसपास देखा तो उन्हें पकरीद रेस्ट हाउस के महज 50 मीटर के भीतर ही एक हाथी मृत अवस्था मे पड़ा दिखा।ग्रामीणों के अनुसार हाथी की मौत विगत दो तीन दिन पूर्व हो चुकी होगी तभी हाथी के शरीर मे सड़न के कारण दुर्गंध उठ रही थी।

देवपुर क्षेत्र लगातार शिकारियों के कब्जे में,,,
डिप्टी रेंजर वर्षों से यहां के प्रभारी रेंजर:

 देवपुर परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद, गिधपुरी, शिकार के मामले में वर्षों से संवेदनशील गांव रहै है, यह वन विभाग को अच्छी तरह से पता है। पहले भी कई बार यहां के लोग अवैध शिकार में लिप्त पाए गए हैं। वर्तमान घटना स्थल वन कर्मियों के मुख्यालय से लगा हुआ है और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगना , एक गैर जिम्मेदाराना व्यवहार प्रतीत होता है। इससे साबित होता है कि, कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहते , और ना ही नियमित रूप से वन गस्त में रुचि रखते।हाथी शिडुल वन का प्राणी है अतः जवाबदेही तय होनी चाहिए।ज्ञात हो कि इस वन परिक्षेत्र में वर्तमान में एक डिप्टी रेंजर को रेंजर का प्रभार दिया गया है।जो कि पिथौरा में निवास कर रेंज संचालित करते है।इसके पूर्व पदस्थ वन अफसर लगातार शिकार के मामले पकड़ कर शिकारियों पर कार्यवाही करते थे परन्तु वर्तमान प्रभारी रेंजर को शिकारियों को पकड़ने या वन अपराधों को रोकने में कोई दिलचस्पी नही होने के कारण ही विगत तीन दिनों में एक युवक एवम एक शिड्यूल श्रेणी के वन्य प्राणी की मौत शिकारियों के करन्तयुक्त जाल में फंसने से हो चुकी है।ग्रामीणों का मानना है कि यदि अभी भी देवपुर वन परिक्षेत्र में किसी रेंजर सहित वन अमला नही बदला गया तो हालात सुधरना मुश्किल है। वैसे पर्यावरण प्रेमी भी यह मान रहे है कि वन मण्डलाधिकारी बदलने से अब सक्रिय माने जाने वाले अधिकारी की पदस्थापना से वन अपराधों में रोक लगने की संभावना है।

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